राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के सभी निबंधन कार्यालयों में वित्तीय वर्ष 2025-26 में निबंधन की प्रक्रिया को पूरी तरह पेपरलेस कर दिया जाएगा। पेपरलेस निबंधन से पक्षकारों को भौतिक रूप से दस्तावेज तैयार नहीं करना होगा, इससे गो ग्रीन योजना को बढ़ावा मिलेगा।इतना ही नहीं, देश या देश के बाहर रहने वाले लोग ऑनलाइन निबंधन भी करा सकेंगे। ऑनलाइन निबंधन को बढ़ावा देने के लिए देय स्टाम्प ड्यूटी में एक प्रतिशत और अधिकतम दो हजार रुपये की छूट भी दी जा रही है।
वहीं, पैतृक या पारिवारिक संपत्ति बंटवारा विलेख पर स्टाम्प ड्यूटी 50 रुपये, जबकि निबंधन शुल्क 50 रुपये निर्धारित किया गया है। वहीं, उद्योग स्थापित करने के लिए बियाडा से आवंटित भूमि पर स्टाम्प एवं निबंधन शुल्क पर शत-प्रतिशत छूट दी जा रही है।
इस बार के बजट में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की कुल राशि में करीब 18 करोड़ की वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभाग का बजट 674.55 करोड़ था जिसे वर्ष 2025-26 में बढ़ाकर 692.60 करोड़ कर दिया गया है। हालांकि योजना मद में राशि घटाई गई है। पिछले बार स्कीम मद में 10 करोड़ की राशि थी जो घटकर सात करोड़ रह गई है।
विभाग के द्वारा अवैध शराब के संचालन को रोकने के लिए 84 चेकपोस्ट बनाए गए हैं। सभी चेकपोस्ट पर सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की गई है। नशामुक्त बिहार की थीम पर पटना मैराथन का भी आयोजन हो रहा है, जिसमें विदेशी प्रतिभागी भी भाग ले रहे हैं।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के बिहार बजट में पर्यावरण संरक्षण की भी चर्चा हुई है। कार्बन न्यूट्रिलिटी को केंद्र में रख बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड बनाया जाएगा। राज्य सरकार इस फंड में सीड फंड के रूप में 25 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। यह कहा गया कि इसके माध्यम से बिहार में जलवायु अनुकूलन एवं कार्बन बनाने में मदद मिलेगी। सार्वजनिक पूंजी को निजी निवेश के साथ मिश्रित कर इस फंड के माध्यम से चुनौतियों को अवसर में बदला जाएगा।
इससे कृषि को जलवायु अनुकूल बनाने, स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ने तथा युवाओं के लिए हरित रोजगार सृजन करने में सहायता मिलेगी। बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड हरित बिहार, समृद्ध बिहार की हमारी दृष्टि का प्रतिनिधित्व करता है।यह अग्रणी पहल बिहार को देश के अग्रिम राज्यों में खड़ा करता है। इसी तरह राज्य में वायु गुणवत्ता में सुधार तथा वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु 100 करोड़ रुपए की लागत से बिहार क्लीन एयर ट्रांसफॉर्मेशन परियोजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
जीरो कार्बन इमिशन को ध्येय में रख तथा जल-जीवन-हरियाली अभियान के लक्ष्य के अंतर्गत 8053 पंचायती राज निकायों तथा 73 शहरी निकायों में जैव विविधता प्रबंधन समिति का गठन किया गया है। इसके माध्यम से लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाया जाएगा।
चतुर्थ कृषि रोड मैप के अंतर्गत राज्य के हरित आवरण को वर्ष 2028 तक 17 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। बजट भाषण में यह जानकारी दी गयी कि कैमूर वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित किए जाने को ले नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गयी है।